राष्ट्रीय गीत : वंदेमातरम् और राष्ट्रीय चिह्न : अशोक स्तम्भ के बारे मै कुछ खास बाते !

0

 राष्ट्रीय गीत : वंदेमातरम्



वन्दे मातरम्।

सुजलाम् सुफलाम्, मलयज-शीतलाम् । 

शस्य श्यामलाम् मातरम् । वन्दे मातरम्!

शुभ्र ज्योत्सना, पुलकित यामिनीम् ।

 फुल्ल कुसुमित द्रुमदल शोभिनीम्। 

सुहासिनीम् सुमधुर भाषिणीम् ।

सुखदाम् वरदाम् मातरम् ! वन्दे मातरम्

बंकिमचन्द्र चटर्जी द्वारा 1874 ई. में रचित 'वन्दे मातरम्' नामक राष्ट्रीय गीत को संविधान सभा द्वारा 24 जनवरी, 1950 में अपनाया गया। उनका यह गान बंगाली भाषा में था ।

✦ इस गीत की रचना अपने उपन्यास 'आनन्द मठ' में 1882 ई. में की थी, जिसे 'जन-गण-मन' के समान दर्जा प्राप्त है।

✦ वन्दे मातरम् की रचना संस्कृत भाषा में है ।

सर्वप्रथम 'वन्दे मातरम्' नामक राष्ट्रीय गीत को 1896 में भारतीय राष्ट्रीय काँग्रेस के कलकत्ता अधिवेशन में गाया गया ।

इस राष्ट्रीय गीत को कुल 1 मिनट पाँच सेकण्ड में गाया जाता है। इस राष्ट्रीय गीत की धुन पन्नालाल घोष ने तैयार की।

 वन्दे मातरम् का अंग्रेजी अनुवाद सर्वप्रथम 'अरविन्द घोष' ने किया, जबकि इसका उर्दू अनुवाद 'आरिफ मोहम्मद खान ने किया था।

 सर्वप्रथम 1927 में फाँसी के फन्दे पर झूलते हुए वन्दे मातरम् गाने वाले अशफाक उल्लाह खान थे ।

1949 ई. में मास्टर कृष्णराव ने राष्ट्रगीत को बैण्ड पर बजाने की धुन बनायी थी, जिनके निर्देशन में मास्टर गणपत सिंहने पहली बार इसे बजाया था ।

B. B.C. World Service द्वारा वर्ष 2003 में किये गये अन्तर्राष्ट्रीय सर्वेक्षण में 'वन्दे मातरम्' को विश्व के शीर्ष 10 राष्ट्रगीतों में दूसरे स्थान पर रखा गया है। इस सूची में पहला स्थान आयरलैण्डके राष्ट्रीय गीत 'A Nation Once Again' को मिला ।


राष्ट्रीय चिह्न : अशोक स्तम्भ



भारत सरकार ने 26 जनवरी, 1950 में

सारनाथ में स्थित 'अशोक स्तम्भ' को राष्ट्रीय चिह्न के रूप में स्वीकार किया। अशोक स्तम्भ में चार सिंह एक-दूसरे की तरफ पीठ किये हुए खड़े हैं। अशोक स्तम्भ के नीचे की ओर अंकित पट्टी के नीचे एक चक्र तथा दायीं ओर एक साँड और बायीं ओर एक घोड़ा अंकित दिखाई दे रहा है। अशोक स्तम्भ में नीचे की ओर देवनागरी लिपि में 'सत्यमेव जयते' अंकित है जिसे मुण्डकोपनिषद् से लिया गया है जिसका अर्थ है-"सत्य की ही विजय होती है।"


राष्ट्रीय चिह्न में दर्शाये गये पशुओं में घोड़ा अदम्य शक्ति, परिश्रम एवं गतिशीलता का द्योतक है।

राष्ट्रीय चिह्न में दर्शाये गये पशुओं में सिंह साहस, शौर्य एवं निर्भीकता का प्रतीक है।

✦राष्ट्रीय चिह्न में दर्शाये गये पशुओं में साँड भारत की कृषि प्रधान अर्थव्यवस्था का द्योतक है।


Post a Comment

0 Comments
Post a Comment (0)
To Top