भारतीय लोक नृत्य एवं कलाकार ( indian Folk Dances and Artists )

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 आंध्र प्रदेश (Andhra Pradesh)

  •   कुम्मी, सिद्धि माधुरी, घंटा मर्दाला, बुट्टा बोम्मालु, भामकल्पम, डप्पू, तपतागुल्लू, लम्बाड़ी, ढिम्सा कोलाट्टम, वीरनाट्यम, गोबी, डांडरिया, बोनालू, मधुरी ।

Important Points

  •   कुम्मी नृत्य, भारत में तमिलनाडु और केरल में भी लोकप्रिय है।

  •   कुम्मी नृत्य को महिलाएँ घेरे में खड़ी होकर प्रस्तुत करती हैं।

  • कुम्मी लोकनृत्य में संगीत वाद्य नहीं होते हैं, इसमें ताल बनाए रखने के लिये प्रतिभागी तालियाँ बजाकर नृत्य करते हैं।

  •  गोबी नृत्य विशेष तौर पर विवाहों में किया जाता है। इस नृत्य में कई संगीत वाद्ययंत्रों का उपयोग "वाह-वाह" के शोर के साथ किया जाता है।

  • मधुरी नृत्य को मधुरी जनजातियों द्वारा प्रस्तुत किया जाता है, जो श्रावण वर्षा के दौरान किया जाता है।

  • डांडरिया नृत्य, रंग-बिरंगे परिधानों में सजे पुरुष नर्तकों का एक समूह नृत्य के दौरान आस-पास के गाँवों का दौरा करता है, जहाँ उनका दिल से स्वागत किया जाता है।

  • वीरनाट्यम नृत्य भक्तिपूर्ण अनुष्ठान को समर्पित नृत्य है। इस समुदाय के लोग भगवान शिव के सीधे वंश का दावा करते हैं। वीरनाटयम का प्रदर्शन आंध्र प्रदेश के प्रत्येक शिव मंदिर में होता है।

  • बुट्टा बोमालु नृत्य में प्रत्येक नर्तक सिर और कंधों पर विभिन्न मुखौटे पहनता है।

  • ढिम्सा नृत्य की वेशभूषा विशिष्ट जनजातीय कपड़े की है। यह नृत्य 15-20 महिलाओं द्वारा प्रस्तुत किया जाता है। इस नृत्य में आठ अलग-अलग श्रेणियाँ हैं।

  • बथकुम्मा मुख्य रूप से आंध्र प्रदेश और बथकम्मा महोत्सव के समय महिलाओं द्वारा प्रस्तुत किया जाता है।

  • बोनालू नृत्य में लोक संतुलन महिलाओं के सिर पर वर्तन रखकर किया जाता है।

असम (Assam )

० बिछुआ, नटपूजा, महारास खेल गोपाल, बिहू, अकियानाट, कलिगोपाल, नागानृत्य, बागुरुम्बा, बथुकम्बा, कोनाई, झुमुरा ।


Important Points

  • बिछुआ एक आदिवासी क्षेत्र है। इस नृत्य में रंगारंग कार्यक्रम की प्रस्तुति मुख्यत बच्चों के द्वारा की जाती है।

  • बागुरुम्बा नृत्य असम का लोक नृत्य है, जो बोडो जनजाति द्वारा प्रस्तुत किया जाता है। यह बोडो उत्सव के दौरान किया जाता है।

  • बिहू एक समूह नृत्य है, जिसमें पुरुष और महिलाएँ एक साथ नृत्य करते हैं।

  • झुमूरा नृत्य असम के आदिवासी या चाय जनजाति समुदाय द्वारा प्रस्तुत किया जाता है।

अरुणाचल प्रदेश (Arunachal Pradesh)

  •  मुखौटा, युद्ध नृत्य, बुइया, छालो, वांचो, पासी कोंगकी, लायन एंड पीक, पोग, पोपीर, बोडों छम, रिखमपाडा |

Important Points

  • मुखौटा नृत्य का संबंध कथकली के नृत्य शैली से है। युद्ध नृत्य को भी मुखौटा नृत्य कहते हैं।

  • बुइया लोक नृत्य दिगारू मिश्मी जनजाति से संबंधित है।

  • पोंग नृत्य फसल के मौसम का जश्न मनाता है और  पौराणिक गीत अक्सर धान और फसलों के स्रोत से संबंधित है।

  •  वांचो डांस अरुणाचल प्रदेश की एक विशेष जनजाति नृत्य है।

  •  बारडो छम नृत्य में कलाकार रंगीन मुखौटे पहनते हैं और संगीत के अच्छे और बुरे के बीच लड़ाई को लागू करते हैं।

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  • लायन एण्ड पीक डांस अरूणाचल प्रदेश की जनजाति मोनपा का एक लोकनृत्य है। इसमें नर्तकिया मुर्गा और शेर के सिर के समान मुखौटे पहनती हैं।

  • रिखमपाडा नृत्य को 'अबोटोनी' (पूर्वासी पूर्वज) ने प्रस्तुत किया था।


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